सुलतानपुर में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा नेता व सांसद वरुण गांधी के आने से जातिगत वोटों के ध्रुुवीकरण में जुटी सपा-बसपा के मंसूबे काफी हद तक प्रभावित होंगे। कारण वरुण की नुक्कड़ सभाएं उन स्थानों पर लगाई गईं जहां पिछड़ी जाति खासकर निषाद बिरादरी के वोट हैं। पुराने संबंधों का वास्ता देकर वह पूरा दिन चुनावी अभियान को धार देते रहे।
सुलतानपुर। इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। वहीं, चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा नेता व सांसद वरुण गांधी के आने से जातिगत वोटों के ध्रुुवीकरण में जुटी सपा-बसपा के मंसूबे काफी हद तक प्रभावित होंगे। कारण, वरुण की नुक्कड़ सभाएं उन स्थानों पर लगाई गईं, जहां पिछड़ी जाति खासकर निषाद बिरादरी के वोट हैं। पुराने संबंधों का वास्ता देकर वह पूरा दिन चुनावी अभियान को धार देते रहे। लगातार दो बार जीत दर्ज कर चुकी भाजपा का विजय रथ रोकने को विपक्ष का जातिगत गणित कितना काम करता है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
लोकसभा के चुनाव में सुलतानपुर सीट से वर्तमान सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी सुलतानपुर सीट से दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं। सपा ने प्रदेश सरकार में मंत्री रहे रामभुआल निषाद को चुनाव मैदान में उतारा है। इस चुनाव में इन दो पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। वहीं, बसपा ने उदराज वर्मा को टिकट दिया है। सपा-बसपा ने इस बार भाजपा के एकमुश्त वोट माने जाने वाले कुर्मी व निषाद बिरादरी के मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए जातिगत समीकरण साधने के लिए प्रत्याशी दिए हैं।

