‘दुनिया के बेहतरीन गेंदबाज़ों में से एक मिचेल स्टार्क के सामने भारतीय कप्तान का टिकना बेहद मुश्किल होगा.” ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सुपर 8 के आख़िरी मैच से पहले आलोचक और जानकार ये कहने से चूक नहीं रहे थे.
इसकी वजह थी बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ टी-20 मैचों में रोहित शर्मा का सबसे ज़्यादा 24 बार आउट होना और 22.3 की मामूली औसत.
मौजूदा वर्ल्ड कप में भी रोहित इस तरह के गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ तीन बार आउट हो चुके थे.
ऐसे में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर जब भारत को बल्लेबाज़ी के लिए बुलाया और विराट कोहली को खाता भी नहीं खोलने दिया, तब दबाव पूरी तरह से कप्तान के कंधों पर आ चुका था.
पारंपरिक सोच में पहले 2 ओवर में 6 रन बनाने के बाद टीम इंडिया के बल्लेबाज़ धीरे-धीरे रन रेट बेहतर करने की तरफ बढ़ते.
37 साल के रोहित शर्मा ने दुनिया को ये बताने की कोशिश की वो इस फॉर्मेट में भी सीखने की ना सिर्फ़ कोशिश कर रहें हैं बल्कि युवा जोश के साथ खुद को भी प्रासंगिक बनाने की दिशा में ठोस कदम भी उठा चुके हैं.
रोहित शर्मा का ये प्रदर्शन उस ऑस्ट्रेलिया के सामने देखने को मिला, जिसने 2023 वर्ल्डकप फाइनल में टीम इंडिया का चैंपियन बनने का सपना तोड़ दिया था.