माइक्रोसॉफ्ट का सफरनामा: दो दोस्तों की जुगलबंदी से शुरू हुई कंपनी कैसे बनी टेक दिग्गज, खूब आईं मुश्किलें

माइक्रोसॉफ्ट की शुरुआत 4 अप्रैल 1975 को हुई थी। बिल गेट्स और पॉल एलन ने कंपनी को बड़े इरादों के साथ शुरू किया था। स्थापना के चार साल बाद ही कंपनी को अपना ऑफिस दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा। जहां से असल मायने में कंपनी के फलने-फूलने का सफर शुरू हुआ। मौजूदा वक्त में माइक्रोसॉफ्ट दिग्गज टेक कंपनियों में शुमार है।

 नई दिल्ली। दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियों में शुमार माइक्रोसॉफ्ट से हर वह यूजर वाकिफ है, जो कंप्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल करता है। आज से लगभग 50 साल पहले शुरू हुई माइक्रोसॉफ्ट की यात्रा में कई अहम पड़ाव आए। बहुत कम लोगों को पता होगा माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज मोबाइल नाम से अपना मोबाइल फोन ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किया था, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया। आज माइक्रोसॉफ्ट के सफरनामा में कंपनी की पूरी यात्रा के बारे में जानेंगे।

कैसा रहा माइक्रोसॉफ्ट का सफर?

बात आज से लगभग 50 साल पुरानी है, बिल गेट्स और पॉल एलन के जेहन में माइक्रोसॉफ्ट शुरू करने की कहानियां पनप रही थीं। 4 अप्रैल 1975 वह दिन था जब माइक्रोसॉफ्ट की शुरुआत हुई। चार साल तक कंपनी उसी स्थान पर काम करती रही जहां उसकी नींव पड़ी, लेकिन फिर वक्त बदला और कंपनी की जगह भी बदल गई। 1979 में माइक्रोसॉफ्ट न्यू मैक्सिको से वॉशिंगटन स्टेट में शिफ्ट हुई और यहां से उसके फलने-फूलने का असली सफर शुरू हुआ। जाहिर तौर पर इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि उसे यहीं से बड़ी मल्टीनेशनल टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन के तौर पर पहचान मिली।

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